करैत साँप : साइलेंट किलर

 करैत साँप

अंग्रेजी नाम : Common Krait

स्थानीय नाम : करैत

प्रकार : अत्यंत विषैला

व्यवहार : शांत, रात्रिचर, स्वजातभक्षी

आवास : खपरैल घरों में,बिल,पुराने मकानों में,बगीचों में,जंगलो में आदि 

प्रिय भोजन : छिपकली,चूहे आदि

वितरण : भारत,पाकिस्तान,श्रीलंका 

दुश्मन : शिकारी जीव और इंसान


करैत साँप Common Krait, Nalanda, Bihar

करैत साँप : इसके लिए कहा जाता है कि "इस साँप का काटा सुबह की रोशनी नही देखता " क्योंकि करैत साँप एक रात्रिचर साँप है जो अंधेरा ढलने पर शिकार के खोज में निकलता हैं , गाँव कस्बे के लोगों को जमीन पर सोना अच्छा लगता हैं जिससे वो इस साँप के शिकार हो जातें हैं इसके काटने पर दर्द भी महसूस नही होता है जैसा कि गेहुअन (कोबरा) के डसने पर होता हैं और धीरे-धीरे शिकार या पीड़ित व्यक्ति के शरीर के मांसपेशिया, न्यूरोटॉक्सिक बिष के प्रभाव से काम करना बंद करने लगता हैं और वह लकवाग्रस्त हो जाता हैं, फलस्वरूप  मांसपेशियां भी काम करना बंद कर देती हैं और पीड़ित व्यक्ति को साँस लेने में और निगलने में दिक्कत महसूस होने लगती हैं और इलाज न मिलने पर मौत भी हो सकती है।

पहचाने कैसे : करैत साँप के शरीर सिलिन्डरनुमा या बेलनाकार होता है जिसपर सफेद धारियाँ होती हैं , पीठ का रंग नीला-काला होता हैं जबकि उदर की ओर सफेद होता हैं।  लंबाई : सामान्यतः इसकी लंबाई 1 मीटर के आसपास होती हैं ।

करैत 


ध्यान दें :  सांखड़ साँप (Wolf Snake) जो एक विषहीन और सामान्य साँप हैं दूर से देखने मे करैत जैसा दिखाई पड़ता हैं , बिना पहचान किए लोग इसे भी मार देते हैं । साखड़ के पीठ का रंग भूरी जिसपर पिला-उजला धारियां और गर्दन पर उल्टे Y आकृति बनी होती है जबकि करैत के पीठ का रंग काला जिसपर दूधिया सफेद धारियां होती है और सर काले रंग की होती है । करैत के गर्दन पर किसी प्रकार की आकृति या धारियां नही बनी होती है । करैत के पीठ पर मध्य में षष्टकोणीय च्वेंटे होती हैं । साखड़ का प्रमुख भोजन लोहटन, छिपकली और मेंढक आदि है । खतरा महसूस या तंग करने पर यह पहले भागने की कोशिश करता है  और कुंडली बनाकर उसमें अपने सर को छुपा लेता है ।  पकड़ने या तंग करने पर यह बार-बार काटने का प्रयास करता है, इसके तीखे दाँत गहरे जख्म दे सकते हैं !

विषहीन साखड़ साँप (Wolf Snake)


सावधानियां बरतें :  अगर रात में टोर्च का और सोने के लिए ऊंची बिस्तर का इस्तेमाल किया जाय तो इस साँप से बचा जा सकता हैं ।

संरक्षण : करैत दुनिया के सबसे विषैले साँपो में से एक है, साँपो को विष उसे लंबे समय के जैविक विकाश काफी अनुकूलन के परिणामस्वरूप मिला है जिस से साँप को शिकार करने में मदद मिलती हैं। इन्हें मारना हमारी बेबकूफी हैं, साँप हमे काटना नही चाहता है और इंसान पर नज़र पड़ते ही साँप नौ दो ग्यारह होना चाहता हैं। हमे संकटग्रस्त जीव जैसे बाघों, घड़ियाल, डॉलफिन के संरक्षण के साथ उन जीवों को भी संरक्षण देने की आवश्यकता हैं जिसके बारे में कम जानकारी उपलब्ध हैं जैसे सरीसृप हैं जिनकी संख्या लगातार घटती ही जा रही है! अगली बार आप भी किसी साँप को अपने घर मे देखे तो लाठी-डंडे को छोड़कर नज़दीकी वन विभाग के कार्यलय या वन्यजीव बचाबकर्ता को से संर्पक कर उस साँप को रेस्क्यू करने के लिए बुलाएं। साँप वन्यजीव  संरक्षण एक्ट 1972 के द्वारा संरक्षित हैं, इन्हें मारना अपराध हैं वैसे भी हमे कानून और वन्यजीव का सम्मान करना चाहिए!

करैत साँप


उपचार : अगर किसी को करैत साँप काट लें तो झाड़फूंक(झाड़फूंक साँप काटने का इलाज नही हैं ) या काटकर विष को निकालने में समय को बबार्द ना करते हुए उसे तुरंत अस्पताल पहुचाएं । उस व्यक्ति को सान्त्वना दें उसका हौसला बढ़ाएं। याद रखें, सर्पदंश का कोई घरेलू उपचार नही है।

Comments

Popular posts from this blog

मिट्टी वाला साँप

Indian Wolf Snake

धामन साँप (घोड़ा पछाड़)