India's Bigfour Snakes
बिग फोर स्नेक Big Four Snake
प्रकार : अत्यंत विषैला सर्प
1. इंडियन या कॉमन कोबरा
स्थानीय नाम : गेहुअन साँप
अंग्रेजी नाम : Spectacle Cobra,Common Cobra
कॉमन कोबरा Common Cobra |
2. इंडियन या कॉमन करैत
स्थानीय नाम : करैत
अंग्रेजी नाम : Indian Karait
करैत साँप Common Karait |
3. रसेल्स वाईपर
स्थानीय नाम : Dhobiya
अंग्रेजी नाम : Russell's Viper
Russell's Viper |
4. सॉ स्केल्ड वाईपर
अंग्रेजी नाम : Saw Scaled Viper
Saw Scaled Viper |
सर्पदंश के लिए ये चार साँप बदनाम हैं इसीलिए इन चार साँपो को भारत का बिग फोर स्नेक्स (BIG4) के नाम से जाना जाता हैं अगर रात में टोर्च,सोने के लिए ऊंची बिस्तर का इस्तेमाल किया जाय और पुराने खंडहर मकानों,जंगल-झाड़ियों वाले जगहों ध्यान से चला जाय इन साँपो से बचा जा सकता हैं, साँपो को विष उसे लंबे समय के जैविक -विकाश में काफी अनुकूलन के परिणामस्वरूप मिला है जिस से साँप को शिकार करने में मदद मिलती हैं ,इसे मारना हमारी बेबकूफी है अगली बार आप भी किसी साँप को अपने घर मे देखे तो लाठी-डंडे को छोड़कर किसी आसपास के सपेरे या वन्यजीव बचाबकर्ता को बुलाकर उस साँप को अपने आसपास से थोड़ी दूर जाकर छोड़ आएं,इन्हें
बचाएं क्योंकि वन्यजीव संरक्षण एक्ट द्वारा संरक्षित जीव हैं इन्हें मारना कानूनन अपराध हैं कानून और वन्यजीव का सम्मान करें.
साँप एक शितरक्त और पारितंत्र का अत्यंत महत्वपूर्ण प्राणी हैं ,शितरक्त वैसे प्राणी को कहते जो वातावरण के बदलते तापमान के प्रति अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नही कर सकते यह एक अनुकूलन हैं और इस कारण से हो सकता है साँप इस कड़क ठंड से बचने के लिए कोई घर के किसी कोने में अपने शरीर को गर्म रखने के लिए अपने आपको छुपाया हुआ हो,जूतें, चूल्हे के पास आदि इसलिए ध्यान रखें ! सांपों को किसानों का मित्र भी कहा जाता है क्योंकि साँप अपने भोजन मतलब कुतरने वाले जीवों जैसे चूहों, गिलहरियों, पक्षियों की खोज में हमारे आसपास रहता हैं और फसलों को बर्बाद करने वालें जीवों की आवादी को नियंत्रित करके हमारी फसलों की सुरक्षा करता हैं और हमे उसके पैदा करने वाले रोगों से भी बचाता है.
Russell's Viper Fang |
जब साँप हमे देखता तो सब से पहले छिपना चाहता हैं अगर हम उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो ऐसे में साँप खुद को बचाने का प्रयास करेगा और सामना करेगा,काटने का प्रयास करेगा लेकिन आदमी से ताकतवर कोई हुआ है आख़िरकार हम अस्त्र - सस्त्र से उसके प्राणों को उसके शरीर से निकाल कर ही दम लेते हैं, जिसमें अधिकांश बिषहिन् साँप ही मारे जाते हैं,कुछ ही ऐसे साँप हैं जो विषैले हैं ,साँप हमे काटना नही चाहता हैं हमपर नज़र पड़ते ही साँप नौ दो ग्यारह होना चाहता हैं ,बहुत सरीसृप हैं जिनकी आवादी लगातार घटती ही जा रही हैं,प्रकृति में साँप भी पारितंत्र के संतुलन में सहायक होतें हैं बाघ की तरह इन जीवों का संरक्षण भी बहुत जरूरी हैं जानकारी के आभाब में हम कितने बेकसूर साँपो को मारते आएं हैं अगली बार कोई साँप दिखे तो डंडे उठाने के बजाय किसी निकटवर्ती वन्यजीव बचबकर्ता या किसी सपेरा को बुलाकर उस साँप आवादी वाले क्षेत्र से दूर उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ आएँ.
याद रखें ! साँप भी वन्यजीव हैं इन्हें भी संरक्षण की जरूरत हैं इसीलिए वाहन चलाते बक्त सड़क पार करते साँपो और अन्य जीवों का ध्यान रखें जीवन सभी का कीमती है साँप के काटने से बचा जा सकता है और इसके दंश का इलाज भी उपलब्ध है,साँप तंग किये जाने पर ही काटने की कोशिश करते हैं चाहे वह कोई मामूली साँप ही क्यों ना हो.
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